सर्दियों में बकरियों व उनके बच्चों की देखभाल कैसे करें | Winter Goat Care in India(2025)
लेख का उद्देश्य:
सर्दियों में ठंड, नमी और तेज हवाओं के कारण बकरियों व उनके बच्चों को कई तरह की परेशानियाँ होती हैं। यदि सही देखभाल न की जाए तो वजन घटना, दूध कम होना, लकवा और बच्चों में निमोनिया जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इस गाइड में हम जानेंगे कि सर्दियों में बकरियों और उनके बच्चों की पूरी देखभाल, खानपान, शेड, स्वास्थ्य और सुरक्षा कैसे करें।
इस लेख में आपको निम्न विषय देखने को मिलेंगे
- सर्दियों में बकरियों पर क्या असर पड़ता है
- सर्दियों में बकरियों के शेड की तैयारी
- बकरी के बच्चों की देखभाल (Kids Care in Winter)
- गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों की देखभाल
- सर्दियों में फीडिंग सिस्टम
- सर्दियों में चारा और चराई प्रबंधन
- रोग और टीकाकरण
- साफ-सफाई और हाइजीन
- धूप का महत्व
- वजन और दूध घटने से बचाव
- रिकॉर्ड मेंटेनेंस का महत्व
- बोनस टिप्स
- निष्कर्ष
- FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सर्दियों में बकरियों पर क्या असर पड़ता है?
- ठंड से शरीर का तापमान गिर जाता है।
- भूख और दूध उत्पादन कम हो जाता है।
- बच्चों में निमोनिया, बुखार और खाँसी का खतरा बढ़ता है।
- गर्भवती और दुग्ध देने वाली बकरियाँ जल्दी कमजोर हो जाती हैं।
- जुकाम खांसी ज्यादातर देखने को मिलता है।
- कई बार लकवा जैसी गंभीर बीमारी।
- पानी कम पीना जिससे डीहाइड्रेशन जैसी समस्या।
2. सर्दियों में बकरियों के शेड की तैयारी
(a) शेड का स्थान:
- ऊँची और सूखी जगह पर बनाएं।
- फर्श 15–20 इंच ऊँचा रखें ताकि नमी न चढ़े।
- सीधी ठंडी हवा से बचाव के लिए चारों ओर बोरी या प्लास्टिक शीट लगाएँ।
(b) अंदरूनी संरचना:
- फर्श पर सूखी मिट्टी, भूसा या लकड़ी का बुरादा बिछाएँ।
- रोज़ बिछावन बदलें ताकि फर्श गीला न रहे।
- रात में दरवाज़े बंद रखें और हल्की गर्मी के लिए बल्ब या कोयले की अंगीठी रखें (सावधानी से)।
- खासकर बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था होनी आवश्यक जिससे सर्दी से बचाया जा सके।
3. बकरी के बच्चों की देखभाल (Kids Care in Winter)
(a) जन्म के तुरंत बाद:
- सूखे कपड़े से बच्चे को पोंछें
- नाभि को टिंचर आयोडीन से साफ करें और ऊपर से आधा इंच छोड़कर सफेद धागे से बांधे और नई सर्जिकल ब्लेड से अनावश्यक ज्यादा बड़ा नाड़ा काट दे और बीटाडिन लगा दे जिससे नाभि संक्रमण से रोकथाम रहे।
- जन्म के 30 मिनट के भीतर पहला दूध (Colostrum) ज़रूर पिलाएँ थोड़ा थोड़ा कर ।
- सरसों का तेल.5ml से देना शुरू करे और फिर धीरे धीरे 1ml 2ml बढ़ाए रोजाना दिन में केवल एक बार देना है जिससे डाइजेशन अच्छा होगा टेंपरेचर संतुलन में रहेगा।
- सिरप पॉलिबियन भी सरसों के तेल की तरह देना अच्छा रहता है इसे देने से एक तो रुमेन के विकास में मदद करता है टेंपरेचर को संतुलित रखता है।
(b) गर्मी और सुरक्षा:
- सूखे और गर्म बिछावन पर रखें।
- यदि बहुत ठंड है तो 200W का बल्ब या छोटा हीटर या लकड़ी का अलाव रखें सावधानी पूर्वक।
- अलग कोने में रखें ताकि ठंडी हवा न लगे।
(c) दूध पिलाना:
- दिन में कम से कम 3 बार दूध पिलाएँ।
- 15–20 दिन बाद सूखा दलहनी भूसा या पेड़ की छोटी पत्ती सुखी हुई (जो छाया में सुखाई गई हो)और स्टार्टर फीड देना शुरू करें।
🐐 4. गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों की देखभाल
(a) गर्भवती बकरियाँ:
- गर्म और सूखे शेड में रखें।
- ऊर्जा और प्रोटीन से भरपूर फीड दें:
- 200 ग्राम चोकर + 200 ग्राम मक्का + 100 ग्राम खली + 10 –20 gm मिनिरल मिक्स।
- गुनगुना पानी पिलाएँ।
(b) दुग्ध देने वाली बकरियाँ:
- चना, मक्का, बाजरा, मूँगफली खली, गुड़ फीड में दें।
- थन को दूध दुहने से पहले गुनगुने पानी से साफ करें।
🥗 5. सर्दियों में फीडिंग सिस्टम
- मक्का, बाजरा, गेहूँ भूसी और गुड़ से ऊर्जा बढ़ाएँ।
- थोड़ा तेल (5–10 ml/दिन) मिलाएँ।
- सुबह देर से और शाम जल्दी फीड दें।
- हल्का गुनगुना पानी पिलाएँ।
🌿 6. सर्दियों में चारा और चराई प्रबंधन
- नेपियर,बरसीम, लुसर्न, जई, मक्का-चना मिश्रण सबसे अच्छा चारा है।
- चारे को खिलाने से पहले धूप में हल्का सुखा लें जिससे पानी की मात्रा कम हो जाए।
- टोटल फीड में हरे चारे को 25% से ज्यादा न मिलाए।
- सूखे चारे में मिनरल मिक्स और गुड़ मिलाएँ।
💉 7. रोग और टीकाकरण
मुख्य रोग:
- निमोनिया
- PPR
- FMD
- Enterotoxaemia
टीकाकरण तालिका:
रोग टीका का समय डोज
- PPR सर्दियों से पहले, साल में 1 बार 1 ml
- FMD साल में 2 बार 2 ml
- Enterotoxaemia साल में 2 बार 2 ml
- HS बरसात से पहले 2 ml
नोट: सभी टीके पशु चिकित्सक की देखरेख में लगवाएँ।
🧽 8. साफ-सफाई और हाइजीन
- रोज़ाना फर्श साफ करें और बिछावन बदलें।
- हफ्ते में एक बार फिनायल या ब्लीचिंग से डिसइन्फेक्शन करें।
- संक्रमण रोकने के लिए फर्श पर चूने व राख का छिड़काव भी कर सकते है।
- बर्तनों को कम से कम महीने में एक बार पोटेशियम परमैगनेट के पानी से धुले और धूप में सुखाएँ।
☀️ 9. धूप का महत्व
- धूप से विटामिन D मिलता है जिससे हड्डियाँ मजबूत रहती हैं।
- रोज़ाना 1–2 घंटे धूप में छोड़ें।
💰 10. वजन और दूध घटने से बचाव
- ऊर्जा और मिनरल सप्लीमेंट दें।
- हल्की एक्सरसाइज करवाएँ।
- De-worming हर मौसम परिवर्तन से पहले या अधिकतम 3 माह से लक्षण दिखने पर कभी भी कर सकते है।
- तनाव से दूर रखें।
🧮 11. रिकॉर्ड मेंटेनेंस का महत्व
- सर्दियों में वजन और दूध उत्पादन घटने का पता तभी लगता है जब आप नियमित रिकॉर्ड रखते हैं।
- Goat Farm Record से आप आसानी से देख सकते हैं कि किस बकरी की ग्रोथ सही है और किसकी नहीं।
🧠 12. बोनस टिप्स
- दिन में ज्यादातर समय बकरियों को धूप में रखे ।
- रात में शेड की गर्मी जाँचते रहें।
- बच्चों को ऊन के कपड़े या बोरी में लपेटें बाहरी हवा से विशेष बचाव करें।
- पानी कम पीने पर थोड़ी मात्रा में गुड़ को मिलाकर पानी दें।
🔚 निष्कर्ष
- सर्दियों में बकरियों और बच्चों की देखभाल मुनाफे की कुंजी है। यदि आपने समय पर गर्म शेड, संतुलित फीड, टीकाकरण और साफ-सफाई रखी –
- तो आपका फार्म न केवल सुरक्षित रहेगा बल्कि दूध, वजन और प्रजनन में भी तेजी से सुधार होगा।
- यही है Smart Goat Farmer की पहचान।
❓ FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. सर्दियों में बकरी को कितनी बार खाना देना चाहिए?
दिन में 3 बार — सुबह, दोपहर और शाम को। सुबह देर से और शाम जल्दी खाना दें ताकि ठंडी हवा से बचें।
Q2. क्या बकरियों को ठंड में नहलाना चाहिए?
नहीं, सर्दी में न नहलाएँ। सिर्फ गीले कपड़े से शरीर साफ करें।
Q3. सर्दियों में बकरी के बच्चों को कैसे गर्म रखें?
सूखा बिछावन, ऊन का कपड़ा, और हल्का बल्ब या हीटर का इस्तेमाल करें , सावधानी पूर्वक लकड़ी का अलाव भी जला सकते है।
Q4. क्या सर्दियों में दूध देने वाली बकरियों को अलग रखना चाहिए?
हाँ, उन्हें सूखा और गर्म कोना दें क्योंकि ठंड से दूध घटने की संभावना रहती है।
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